बदायूं। कोरोना वायरस की चुनौतियों और देश में लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील का बदायूं जिले में व्यापक असर हुआ। लोगों ने घरों के बाहर दीये रख दिए वहीं, गांवों में लोगों के घरों के बाहर दीये सज गए। इसके अलावा कई स्थानों पर लोगों ने मोबाइल की फ्लैश लाइट, टार्च और मोमबत्ती भी जलाई। इस संघर्ष में लोगो ने उम्मीदों के दीये जलाकर बताया कि आशा और विश्वास की एक किरण बड़े से बड़े अंधकार को दूर कर सकती है।
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में देश एकजुट होकर लड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए आह्वान पर जिले में भी घड़ी में नौ बजे एकाएक घर घर छतों पर रखे तेल के दीपक टिमटिमाते दिखाई देने लगे। कहीं कहीं मोमबत्ती की श्रृंखला भी नजर आई। लोगों ने अपने घरों की लाइट बंद कर दीये, मोमबत्ती, टॉर्च और मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर इस जंग में अपनी उपस्थित दर्ज करवाई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी दीपक, मोमबत्ती, टॉर्च की रोशनी जलाए गए। इस दौरान लोगों ने गो-कोरोना-गो का नारा अपने-अपने घरों के दरवाजे और बॉलकोनियों से लगाया। साथ ही लोग जय हिन्द और जय भारत के नारे भी लगा रहे थे।
पीएम मोदी की खास अपील पर कहीं पर लोग शंख फूंक रहे थे तो कहीं एक साथ दीये लेकर 9 मिनट तक खड़े रहे। पीएम मोदी की अपील पर कोरोना को अंधकार को भगाने के लिए हर धर्म और मजहब के लोग इसमें बढ़चढ़ कर शरीक हुए। भले ही अभी कोरोना से लड़ाई लंबी चलने वाली है, लेकिन इन नौ मिनट ने दिखा दिया कि 130 करोड़ भारतीय हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं और अपने नेतृत्व के साथ हैं। यह दिवाली इस महामारी के बीच लोगों की सेवा में लगे स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस के जवानों और अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों का हौसला बढ़ाने वाली भी रही।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लोगों से अनुरोध किया था कि वे कोरोना वायरस को हराने में देश के सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन करने के लिए पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की बत्ती बुझाएं और मोमबत्ती, दीये या मोबाइल फोन की लाइट या टॉर्च जलाने की अपील की थी।
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में लोगों से अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बालकनी-खिड़कियों के सामने खड़े होकर पांच मिनट तक ताली-थाली बजाने की अपील की थी। पीएम ने कहा था कि आप लोग उन लोगों के प्रति कृतज्ञता जताएं, जो कोरोना से बचाने में हमें लगे हैं। पीएम की इस अपील के बाद जनता-कर्फ्यू के दिन 22 मार्च को शाम पांच बजे लोग अपने घरों और बालकनी-खिड़कियों के सामने खड़े होकर ताली और थाली बजाई थी।