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बीमार बहन की दवाई लेने जा रहे युवक का काट दिया चालान

उझानी। कस्बे में कोरोना कर्फ्यू की पाबंदियां बेअसर साबित हो रही हैं। दुकानदार भी लोगों की जान का सौदा कर रहे हैं और आधा शटर गिराकर दिन भर लुकाछिपी खेलते रहते हैं वहीं पुलिस अपना मनमाना रवैया अपनाए हुए है।

मंगलवार शाम को कस्बे को मोहल्ला गंजशहीदा निवासी युवक आमिर अली पुत्र आलेहशन का घंटाघर चौराहे पर पुलिस ने चेकिंग के नाम पर चालान कर दिया था। बाइक सवार युवक अपनी बीमार बहन की दवाई लेने मेडिकल स्टोर जा रहा था। युवक मास्क भी लगाया था, साथ ही उसके वाहन के कागजों में भी कोई कमी नहीं थी। उसने बताया कि वो दवाइयां लेने जा रहा हैं इसके बावजूद पुलिस ने एक न सुनी। पहले तो दरोगा ने 5 हजार का चालान काट दिया लेकिन जब युवक ने मिन्नते की तो उसे एक हजार रुपये में बदल दिया। हालाँकि नियमों के उल्लंघन पर चालान करने वाले दरोगा साहब का खुद मास्क नाक से नीचे खिसका हुआ था।

कोरोना संक्रमण के दौर में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद हो चुकी है, निजी अस्पतालों में भी अधिकांश डॉक्टर मरीज को नहीं देख रहे हैं ऐसे हालात में मेडिकल स्टोर ही लोगों का सहारा बने हुए हैं। हैरानी की बात है कि शासन ने जब मेडिकल स्टोर को खोलने की छूट हुई है लेकिन पुलिस वहां जाने वाले युवक का चालान काट रही है।

बाजार में भीड़ लेकिन चौराहे पर चालान वहीं कुछ दुकानदारों पर विशेष अनुकम्पा

लॉकडाउन में बाजारों में उमड़ी भीड़ ने पूर्व के रिकार्ड तोड़ दिए है। कस्बे में कछला-बदायूं रोड हो या बिल्सी रोड दोनों जगह भीड़भाड़ नजर आती है। चंद रुपयों की खातिर दुकानदार खुद के साथ लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिलाधिकारी दीपा रंजन ने लोगों की जरूरतों को देखते हुए सोशल डिस्टेन्स के साथ सुबह को किराना स्टोर खोलने की अनुमति दी लेकिन सभी नियमों को तोड़ा जा रहा है। न दुकानदारों ने दुकानों के आगे गोले बनाएं हैं, न ही सोशल डिस्टेंसिंग नजर आती है। इस दौरान आवश्यक वस्तुओं के अलावा अनावश्यक दुकानें भी खुलने लगी हैं। दुकान कपड़े की हो या जूते, सर्राफा, मिठाई या फिर गारमेंट्स। सभी पर प्रतिदिन की तरह बिक्री की जा रही है।

 जिलाधिकारी ने सुबह 6 बजे से 11 बजे तक ही किराना स्टोर को खोलने की अनुमति दी है लेकिन इस निर्धारित समय के बाद भी दुकान व्यापार करते रहते हैं। बिल्सी, कछला और बदायूं रोड पर कई दुकानदार अपनी दुकानों के शटर के ताले खोलकर बाहर बैठे रहते हैं, ग्राहक के पहुँचते हुए शटर उठता है और फिर नीचे गिर जाता है। पुलिस भी इस स्थिति से अवगत है लेकिन इन दुकानदारों से एक बार भी बाहर बैठने की वजह नहीं पूछी जाती है। पुलिस कार्रवाई करने के नाम पर या तो छोटे दुकानदारों को पकड़ लेती है या चौराहे से गुजरने वालों का चालान काट दिया जाता है।

स्टेशन रोड ऐसी कुछ दुकानें हैं जिन पर विशेष अनुकम्पा है, पिछले लॉकडाउन में भी दुकानें आधा शटर डालकर अपने व्यापार में मशगूल रही और इस साल भी यही हाल है। कोतवाली भी इसी रोड पर है, पुलिस का सुबह शाम इस रास्ते से आना जाना होता है उसके बावजूद इन दुकानों से नजरें फेर ली जाती हैं।

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