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फसलों को बर्बाद कर रहे हैं गौवंश, बच्चे भी घायल

म्याऊँ। जनपद में संचालित स्थायी-अस्थाई गोशालाओं में शत प्रतिशत गोवंशों को आश्रय नहीं दिलाया जा सका, जिसका नतीजा है कि गोवंश खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं, फसल बर्बाद होने से किसान परेशान हैं, गोवंशों के कारण सड़कों पर आए दिन हादसों का खतरा भी है। कई ग्रामीण चोटिल हो चुके हैं। कटीले तारों से दर्जनों गाय घायल हैं लेकिन कोई ध्यान देने वाला नहीं है, कई शिकायतों के बावजूद कोई समाधान भी नहीं हो रहा।

म्याऊं ब्लॉक के गाँव जमालपुर में गौशाला न होने का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। गाँव में करीबन 150-200 गौवंश छुट्टा घूम रहे हैं। गौवंश गाँव के अलग अलग हिस्सों में गुट बनाकर रहते हैं और भारी संख्या में फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। आलम ये है कि खेत में काम निपटाने के बावजूद किसान की चिंता खत्म नहीं होती है, किसान को दिन-रात अपने खेतों के आस-पास पहरा देना पड़ रहा है, ताकि आवारा पशुओं से फसलों के नुकसान को रोका जा सके।

गाँव निवासी अंकित सिंह ने बताया कि किसान मेहनत करके जो फसल लगाता है, वह आवारा पशुओं का शिकार हो रही है। खाद, यूरिया और डाई की बढ़ी कीमतों से खेती की लागत पहले से ज्यादा है उसके बाद पशु खेतों को चर जाते हैं तो किसान रोटी कहां से खाएगा? गाँव में फसलों को बचाने के लिए मजबूरन लोगों ने कटीले तारों का इस्तेमाल किया है जिनकी वजह से दर्जनों गाय घायल हो रही हैं। अंकित ने बताया कि गौवंश की समस्या को लेकर पूर्व प्रधान राजभन सिंह से भी शिकायत की। उन्होंने इस सम्बन्ध में अधिकारियों से बात कर समाधान की बात कही थी लेकिन आज तक स्थिति जस की तस है।

गौवंश की वजह से ग्रामीण को न सिर्फ फसलों का नुकसान है बल्कि जिन्दगी भी खतरे में हैं। दो दिन पहले ही घर के बाहर खेल रही संजीव सिंह की 5 वर्षीय पुत्री खुशी को चपेट में लिया जिसमे उसकी गर्दन पर गहरा घाव हो गया। इससे पहले गौवंश ने मोहन सिंह की 4 वर्षीय लड़की राधा का हाथ तोड़ दिया था।

जिले में सरकार द्वारा गोवंशों के 123 आश्रय स्थल संचालित हैं। जहां गोवंशों के लिए खानपान व चारे आदि की व्यवस्था के लिए भी शासन से बजट भेजा जा रहा है। लेकिन अब भी हालत बेहद खराब है। सरकार का लाखों रुपया खर्च करने के बाद भी संबंधित विभाग से इन गायों को गौशाला पहुंचाने का काम नहीं कर पा रहा है। हाल ही में डीएम दीपा रंजन ने भी छुट्टा गौवंश पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने अभियान चलाकर गौवंश पकड़ने के निर्देश भी दिए हैं जिसके बाद शनिवार को 218 गोंवश पकड़े गए। लेकिन जमालपुर गाँव अभी इस कार्रवाई से वंचित है।

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