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पंचायत चुनाव में बाँटी जा रही है जहरीली शराब, तीन की मौत

बदायूं। पंचायत चुनाव की तारीखों के एलान के बाद गांव में समीकरणों को अपने पक्ष में करने और ज्‍यादा से ज्‍यादा वोटरों को लुभाने के लिए दावेदार दिन-रात कवायद कर रहे हैं। दावेदारों द्वारा धड़ल्ले से लोगों में अवैध शराब बांटी जा रही है। गुरुवार रात जहरीली शराब पार्टी से तीन युवकों की मौत हो गई। जबकि चौथे की आंखों ने देखना बंद कर दिया है।

मूसाझाग थाना क्षेत्र के गांव टिकलापुर में में गुरूवार को शराब पीने से मुन्नालाल(50 साल) की तबियत बिगड़ गयी थी। बरेली इलाज के लिए ले जाते वक्त रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी। परिवार वालों ने बिना पोस्टमार्टम के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। परिवार के लोगों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को भी नहीं दी। वहीं शराब पार्टी के बाद प्रेमदास (50 साल), संजय मौर्य(25) व अमर सिंह(28) पुत्र रामपाल की तबियत खराब हुई। गुरूवार की रात इलाज के दौरान संजय मौर्य की मौत हो गयी। शुक्रवार सुबह प्रेमदास ने दम तोड़ दिया, जबकि अमर सिंह की आंखों की रोशनी चली गई। उसे जिला अस्पताल से अलीगढ़ रेफर कर दिया गया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान पक्ष के उम्मीदवार गांव में शराब बंटवा रहे थे। मृतक मुन्ना लाल की पत्नी कलावती के मुताबिक प्रधान प्रत्याशियों की तरफ से मिली शराब को पीने के बाद मुन्ना की तबियत खराब हुई थी और बाद में मौत हो गयी। लेकिन तब हमने शराब की वजह से मौत का नहीं पता चला, आज जब गांव में दो और लोग खत्म हो गए तब हमें शराब से मौत का पता चला। 

घटना के बाद प्रशासन में हडकंप मच गया है। डीएम दीपा रंजन, एसएसपी संकल्प शर्मा, एसडीएम पारसनाथ मौर्य, एसपी सिटी प्रवीन सिंह चौहान मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने प्रधान पद के दावेदार सत्यभान उसके भाई ब्रजभान, दूसरे दावेदार पूर्व प्रधान रामस्वरूप समेत गांव के रामकिशोर को गिरफ्तार कर लिया है। जहरीली शराब गाँव में कैसे पहुंची इसकी जांच की जा रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।

गौरतलब है की वर्ष 2017 में आजमगढ़ में शराब से मौतों के बाद यूपी सरकार ने आबकारी अधिनियम में संशोधन कर सख्त प्रविधान कर नई धारा 60 (क) जोड़ी थी। इसके तहत किसी की मौत हो जाने पर जहरीली शराब बनाने और बेचने वाले को उम्र कैद या मृत्युदंड की सजा, दस लाख रुपये के जुर्माने का प्रविधान किया गया था। माना गया था कि आबकारी अधिनियम में सख्त प्रविधान से अवैध शराब का कारोबार करने वाले भयभीत होंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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