उझानी। चार माह से लापता महिला का पुलिस को अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। लड़की का पिता उसे खोजते हुए थक गया है। वहीं पुलिस ने आरोपी युवक को दिल्ली से हिरासत में लिया लेकिन अब उसका भी कोई पता नहीं हैं। पुलिस हिरासत की बात से ही मुकर रही है।
कोतवाली क्षेत्र के गाँव अढौली निवासी गंगा प्रसाद ने तीन साल पहले अपनी बेटी पूजा की शादी क्षेत्र के ही गाँव गंगोरा निवासी सत्यवीर पुत्र राजवीर के साथ की थी। बेटी की शादी के लिए गंगा प्रसाद को अपना आधा घर भी बेचना पड़ा था। गंगा प्रसाद के मुताबिक शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग दहेज के लिए बेटी के साथ मारपीट करते थे। पिछले साल दिसम्बर, 2020 में उसे पता चला कि लड़की ससुराल से गायब है।
गंगा प्रसाद ने बताया कि जब बेटी की तलाश में सत्यवीर के घर पहुँचे तो वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद गंगा प्रसाद ने उझानी कोतवाली में शिकायत दी हालाँकि मामला दर्ज होने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद गंगा प्रसाद ने इस सम्बन्ध में कोर्ट की शरण ली। गंगा प्रसाद का आरोप है कि सत्यवीर और उसके परिवार ने पूजा की हत्या कर शव को कहीं दफना दिया है।
वहीं सत्यवीर की माँ राजवती ने बताया कि शादी के बाद से ही पूजा ससुराल में गाली-गलौच, मारपीट करती थी। पूजा का अपने फुफेरे भाई लक्ष्मण से प्रेम सम्बन्ध था और अक्सर वो घर आता था, एक बार पूजा उसी के साथ दिल्ली चली गयी और करीबन दो महीने बाद वापस लौटी। उसे कई बार लक्षमण से बात करते हुए भी पकड़ा था और जब समझाने की कोशिश की तो आत्महत्या कर जेल भिजवाने की धमकी देती थी। अप्रैल 2019 में उसके बैग से विषैला पदार्थ मिला तो इस सम्बन्ध में उझानी पुलिस को सूचना भी दी गयी जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। तब पूजा अपने मायके चली गयी।
राजवती के मुताबिक पूजा के परिजनों ने घर आकर मारपीट भी की थी, जब गाँव में हंगामा हुआ तो सब भाग खड़े हुए। इसके बाद पुलिस को भी सूचना दी लेकिन कोई कार्रवाही नहीं हुई। इसके बाद राजवती ने जुलाई 2019 में कोर्ट के संज्ञान में केस दायर किया।
राजवती ने बताया इसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया और पूजा वापस अपनी ससुराल आ गयी। लेकिन 30 नवम्बर 2020 की रात को पूजा अपनी साढ़े तीन महीने की बेटी को छोडकर घर से 40 हजार रुपये नकद और 2 लाख के जेवर लेकर फरार हो गई। घटना के दो दिन बाद सत्यवीर ने उझानी पुलिस को सूचना दी लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई, इसके बाद दुबारा अदालत का रुख किया। राजवती का आरोप है कि पूजा अपने फुफेरे भाई लक्ष्मण के साथ दिल्ली में रह रही और इस सम्बन्ध में मायके पक्ष को पूरी जानकारी है। उसके बावजूद अब उन्हें बार बार तंग किया जा रहा है।
दिल्ली से हिरासत में लिया, अब गायब
राजवती के मुताबिक सत्यवीर दिल्ली काम करता है, दो दिन पहले मकान मालिक ने फोन के बताया कि उझानी पुलिस और अन्य दो लोग रात तीन बजे घर आकर सत्यवीर को ले गए। अगली सुबह जब कोतवाली जाकर पूछा तब वहां कोई जानकारी नहीं दी गयी। इसके बाद एसएसपी दफ्तर के भी चक्कर काटे लेकिन अभी तक बेटे का कोई पता नहीं हैं।
उधर गंगा प्रसाद ने मुताबिक मंगलवार रात को वह दरोगा अनिल कुमार और एक सिपाही के साथ दिल्ली गया था। इसके लिए अपनी प्राईवेट गाड़ी भी बुक की थी। रात करीबन 3 बजे सत्यवीर के कमरे पर पहुंचकर उसे हिरासत में लेकर कोतवाली लाया गया। अगले दिन जब सत्यवीर के बारें में दरोगा से पूछा तो उन्होंने कह दिया कि उसे छोड़ दिया है।
संगम विहार निवासी मकान मालिक सरोज देवी ने बताया कि पुलिस ने रात में सत्यवीर को घर से निकाला था। उनके पास कोई वारंट भी नहीं था। काफी विरोध भी किया था लेकिन पुलिस ने एक न सुनी। उसे जबरन प्राईवेट गाडी में डालकर ले गए।
हैरानी की बात है कि चार महीने से युवती की तलाश में पिता भटक रहा है, पुलिस को अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने चार महीने बाद प्राईवेट गाड़ी ले जाकर आरोपी युवक को पकड़ा तो उसे छोड़ दिया। हालाँकि दरोगा अनिल कुमार ने इन आरोपों से इनकार किया हैै। इंस्पेक्टर विशाल प्रताप सिंह ने बताया कि युवक को हिरासत में लेने के लिए दिल्ली जाने का कोई मामला नहीं हैं।