बदायूं। उघैती थाना क्षेत्र के गांव छिबऊकला निवासी एक युवक ने मंगलवार सुबह कलेक्ट्रेट परिसर में विषाक्त पदार्थ खा लिया। युवक का कहना है कि उसे रंजिशन फर्जी दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के केस में फंसाया गया है। एक मंत्री के दबाव में पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर लगातार दबाव बना रही है। जहर खाने के बाद युवक की हालत नाजुक बनी हुई है और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्षेत्र के गांव छिबऊकला गांव निवासी जितेश पुत्र लक्ष्मीनारायण के खिलाफ एक महिला ने एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला का आरोप है कि 9 सितंबर की शाम करीब छह बजे उसकी 15 वर्षीय बेटी पशुओं का चारा लेने खेत पर गई थी। जब काफी देर तक वह घर नहीं लौटी तो महिला खुद खेत की ओर गई, जहाँ उसने देखा कि बाजरे के खेत में बेटी बेहोश पड़ी हुई है। होश में आने पर किशोरी ने अपनी मां को बताया कि जितेश ने उसके साथ दुष्कर्म किया और घर पर बताने पर जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया। इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने रेप व पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर लिया था।
डीएम दफ्तर पहुंचा आरोपी, वहीं खा लिया जहर
इस घटना में नामजद होने के बाद से जितेश फरार चल रहा था। मंगलवार सुबह वह कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचा और सीधे डीएम से शिकायत करने लगा। इसी दौरान उसने परिसर में ही जहर खा लिया और कहा, साहब, गांव के लोगों ने मुझे झूठे मुकदमे में फंसा दिया है। मैं न्याय चाहता हूँ।’ इतना कहते ही वह वहीं गिर पड़ा। आनन-फानन में कर्मचारियों ने उसे संभाला और जिला अस्पताल भिजवाया। डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताई है।
भाई ने सुनाई आपबीती
जितेश के भाई अंकित ने आरोप लगाया कि पूरा मामला साजिश है। उसके भाई को फंसाया गया है, वो घटनास्थल पर नहीं था। भाई का उस समय का वीडियो मेरे पास है। हमने पुलिस को दिखाया लेकिन पुलिस ने देखने से भी मना कर दिया। पुलिस तो हमें ही भगा रही है। अब तक हम लोग घर से बाहर भागते फिर रहे हैं। अंकित ने आगे कहा कि इस पूरे मामले में गांव का ही विजयपाल चौधरी और मंत्री लक्ष्मीनारायण शामिल हैं। आज सुबह भाई ने कहा कि वह डीएम ऑफिस जाकर न्याय मांगेगा। मैंने रोका, लेकिन उसने कहा कि अब मरकर ही सब क्लेश खत्म करना है। मैं पीछे-पीछे पहुँचा तो देखा उसने जहर खा लिया था।
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जितेश के परिवार और विजयपाल चौधरी के बीच लंबे समय से रंजिश चली आ रही है। विजयपाल खुद को मंत्री लक्ष्मीनारायण का करीबी बताता है। साल 2024 में भी विजयपाल ने जितेश, उसके भाई अंकित और पिता लक्ष्मीनारायण के खिलाफ मारपीट व धमकी का मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें तीनों फिलहाल जमानत पर हैं। परिजनों का आरोप है कि पीड़ित परिवार के घर विजयपाल का आना-जाना है और उसी के दबाव में नया मुकदमा गढ़ा गया है।