ADVERTISEMENT
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Monday, June 16, 2025
  • Login
Badaun Today
ADVERTISEMENT
  • उत्तर प्रदेश
  • जिला बदायूं
    • बिल्सी
    • शेखूपुर
    • सहसवान
    • दातागंज
    • बिसौली
  • बदायूं
  • उझानी
  • गांव की बात
  • विशेष
  • धर्म दर्शन
  • अपराध
  • हमारा कानून
No Result
View All Result
  • उत्तर प्रदेश
  • जिला बदायूं
    • बिल्सी
    • शेखूपुर
    • सहसवान
    • दातागंज
    • बिसौली
  • बदायूं
  • उझानी
  • गांव की बात
  • विशेष
  • धर्म दर्शन
  • अपराध
  • हमारा कानून
No Result
View All Result
Badaun Today
No Result
View All Result

पहले पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर का आरोप, अब मुकर गए परिजन! क्या है मामले की इनसाइड स्टोरी?

by Vishal Maheshwari
June 7, 2022
in बदायूं
A A
पहले पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर का आरोप, अब मुकर गए परिजन! क्या है मामले की इनसाइड स्टोरी?

पीड़ित रिहान और उसके माता पिता

Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

बदायूं। अलापुर थाना क्षेत्र की ककराला चौकी के पांच पुलिसकर्मियों समेत दो अज्ञात लोगों द्वारा एक युवक के साथ थर्ड डिग्री टॉर्चर के मामले में अब नया मोड़ आ गया है, पुलिस का कहना है कि युवक के परिजन अपने आरोपों से मुकर गए हैं। इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच में पुलिसकर्मियों को दोषी पाया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा लिखा गया, साथ ही सस्पेंड भी कर दिया गया।

कस्बे के वार्ड संख्या-12 निवासी यूनिश शाह के 22 वर्षीय बेटे रिहान को बीते महीने 2 मई को शाम करीबन बजे रिहान मजदूरी का घर लौट रहा था, इसी दौरान नरवंशियों की मस्जिद के पास पहले से मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया। पुलिस उसे पकड़कर चौकी ले गई। जहां करीब पांच घंटे तक उससे पूछताछ की गयी। इस मामले में रिहान की माँ नजमा ने एसएसपी डॉ. ओपी सिंह से शिकायत की थी। अपनी तहरीर में उन्होंने कहा कि रिहान से चोरी की बात कबूलवाने के लिए उसे करंट का झटका दिया गया और उसके गुप्तांग में डंडा डाला गया। रिहान को छोड़ने के बदले पुलिसकर्मियों ने 5 हजार रूपये वसूले।

दातागंज सीओ ने की आरोपों की पुष्टि
एसएसपी ने इस मामले की जांच सीओ दातागंज को सौंपी थी, जांच में आरोपों की पुष्टि हुई। सीओ प्रेम कुमार थापा की जांच में तत्कालीन चौकी इंचार्ज सत्यपाल, सिपाही नरेंद्र, सोनू, शेखर और विपिन के नाम सामने आए हैं जिसके बाद नजमा की तहरीर पर पांच समेत दो अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। एसएसपी ने दो दिन बाद सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।

थाना अलापुर क्षेत्रान्तर्गत चौकी ककराला में घटित घटना के सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक नगर @budaunpolice प्रवीण सिंह चौहान द्वारा दी गयी बाईट। #UPPolice pic.twitter.com/xeskSgyCjv

— Budaun Police (@budaunpolice) June 4, 2022

अब मुकर गए परिजन?
वहीं अब बदायूं पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक रिहान के परिजनों के हवाले से एक चिट्ठी साझा की है। इस पर रिहान की माँ नजमा, पिता यूनिश शाह और भाई रईस अहमद का अंगूठा लगा है। गवाह के तौर पर तीन लोगों के नाम और उनके मोबाइल नम्बर लिखे गए हैं। इसमें बताया गया कि हमने कस्बा के लोगों से अफवाह सुनी थी कि पुलिस मेरे रिहान को जेल भेजेगी। तभी हमने कुछ लोगों के बहकावे में आकर पुलिस चौकी ककराला पर अपने बेटे की पिटाई का आरोप लगाया था। अब कुछ संभ्रांत लोगों ने समझाया कि यह गलत है, हमारे परिवार द्वारा पुलिस चौकी ककराला पर लगाए गए सभी आरोप गलत और निराधार हैं। हमारे बेटे के साथ पुलिस ने कोई मारपीट नहीं की है। न ही पुलिस द्वारा उठाया गया।

https://pbs.twimg.com/media/FUoDMQcVUAEtwtp?format=png&name=900x900

इस चिट्ठी में आगे कहा गया है कि मीडिया द्वारा ये जो कुछ दिखाया गया है, वो हमने बहकावे में कह दिया था, जो गलत है। आज दिनांक 28 मई को हम लोग अपने बेटे रिहान को जिला अस्पताल बदायूं इलाज हेतु ले गए थे। वहीं कुछ मीडिया वालों ने खबर चलाई थी, बिल्कुल गलत है। हम सभी परिवारजन अपनी इच्छा से लिखकर देते हैं कि हमें ककराला पुलिस चौकी से कोई शिकायत नहीं है।

परिजनों का चिट्ठी से इनकार, एक महीने पहले लगवाया गया था सफेद कागज पर अंगूठा
इस चिट्ठी के सम्बन्ध में जब परिजनों से सम्पर्क किया गया तो रईस अहमद ने बताया कि घटना के बाद रिहान को जिला अस्पताल ले गए थे लेकिन उसकी हालत लगातार बिगडती चली गयी तब उनके पड़ोसी रफीउद्दीन ने उन्हें चौकी में बुलाया था। जहाँ ककराला के ही तबरेज, आलम और कुछ पुलिसकर्मी पहले से मौजूद थे। उस वक्त इन तीनों ने रिहान के इलाज में मदद का हवाला दिया और एक सफेद कागज पर अंगूठे लगवा लिए थे। रईस अहमद ने बताया कि इसके बाद रिहान को शहर के जैन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया और वहां इलाज का खर्च इन्ही तीन लोगों ने दिया था।

रईस अहमद ने बताया कि जैन हॉस्पिटल में इलाज के कुछ दिन बाद रिहान की तबियत फिर से खराब हुई तब उसे बुलंदशहर भर्ती कराया गया। इस बीच मामला मीडिया में सामने आया तो रिहान की माँ ने एसएसपी से मुलाकात की और 3 जून को मुकदमा दर्ज हुआ। वहीं चिट्ठी के एक ‘गवाह’ तबरेज ने बताया कि रिहान के परिजनों ने एक सप्ताह पहले अपने आरोपों से इनकार करते हुए अंगूठा लगाया था। जबकि दूसरे ‘गवाह’ रफीउद्दीन ने बताया कि 3-5 दिन पुरानी चिट्ठी है।

चिट्ठी जारी कर पुलिस ने अपनी जांच पर उठाए सवाल?
खास बात है कि रिहान की माँ ने अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ तहरीर दी थी, सीओ की जांच में तत्कालीन चौकी इंचार्ज सतपाल, सिपाही नरेंद्र, शेखर, सोनू, विपिन और दो अज्ञात लोगों का नाम सामने आया। जाहिर है कि आरोपों की पुष्टि के बाद ही सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 323, 506, 308 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत धारा 7, 13 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही दो दिन बाद पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया। ऐसे में आरोपों से मुकरने की चिट्ठी साझा कर पुलिस अपनी जांच पर भी सवाल खड़े कर रही है।

आखिर किसकी बात में है दम?
रिहान के परिजनों के मुताबिक अंगूठा लगा कागज एक महीने पुराना है जबकि तबरेज की माने तो ये एक सप्ताह पहले का है, हैरानी की बात है कि इस मामले में सात दिन पहले ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया और दो दिन बाद उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया। ऐसे में पुलिस के पास पहले से ही चिट्ठी थी तो इसे साझा क्यों नहीं किया गया? इससे न पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा लिखता और न ही उन्हें सस्पेंड करना पड़ता।

अब क्यों जारी हुई चिट्ठी?
माना जा रहा है कि थर्ड डिग्री टॉर्चर मामले ने बीते दो दिनों से काफी तूल पकड़ लिया है। इस बात का अंदाजा ऐसे से भी लगाया जा सकता है कि बदायूं पुलिस का ट्विटर हैंडल इस घटना के सम्बन्ध में अब तक करीबन 300 से ज्यादा लोगों को जवाब दे चुका है। चर्चा यह भी है कि आरोपी पुलिसकर्मी सत्ताधारी राजनेताओं की शरण में पहुँच गए हैं।

वहीं इस सम्बन्ध में विपक्षी राजनैतिक दलों से प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है। एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि बाबा की ठोक दो नीति की वजह से पुलिसवालों को लगने लगा है कि कानून उन पर लागू नहीं होता। मुसलमानों और गरीबों के खिलाफ हिरासती हिंसा और पुलिस बर्बरता की खबरें अब आम हैं। इलाज का खर्च सरकार को उठाना चाहिए। पुलिस कर्मियों पर कमजोर धाराएं लगाई गईं हैं। इन पर रासुका लगेगा? हत्या का प्रयास की धारा के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।

चौकी इंचार्ज ने कहा- मुझे नहीं मिली चिट्ठी
बदायूं पुलिस के ट्विटर हैंडल द्वारा जारी आरोपों से मुकरने की इस चिट्ठी को चौकी इंचार्ज के नाम लिखा गया है लेकिन हैरानी की बात है कि ककराला चौकी इंचार्ज ने तरह की किसी चिट्ठी मिलने से इनकार किया है। चौकी इंचार्ज मायाराम ने बताया कि उन्हें रिहान के परिजनों ने इस तरह की कोई चिट्ठी नहीं मिली है।

परिवार ने जारी किया वीडियो
बदायूं पुलिस द्वारा चिट्ठी साझा करने के बाद रिहान के माँ और पिता ने एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में उन्होंने कहा कि चिट्ठी झूठी है। ककराला के तीन लोगों ने रिहान की दवाई की बात कहकर जबरन सफेज कागज पर अंगूठा लगवाया था। हमारी ओर से कोई समझौता नहीं किया गया है।

ShareTweetSend
Previous Post

आजमगढ़ से सपा प्रत्याशी होंगे धर्मेंद्र यादव, आखिरी दिन भरा अपना पर्चा

Next Post

लूट के प्रयास में व्यापारी पर दिनदहाड़े हमला, फायर झोंक भागे बदमाश

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow Us On Facebook

Advertisement

Currently Playing
Badaun Today

©2024 BadaunToday

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • उत्तर प्रदेश
  • जिला बदायूं
    • बिल्सी
    • शेखूपुर
    • सहसवान
    • दातागंज
    • बिसौली
  • बदायूं
  • उझानी
  • गांव की बात
  • विशेष
  • धर्म दर्शन
  • अपराध
  • हमारा कानून

©2024 BadaunToday

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
error: Content is protected !!