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छुट्टी पर उझानी आए जवान की सड़क हादसे में मौत, सैनिक सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार

उझानी(बदायूं)। करीब सप्ताह भर पूर्व सड़क हादसे में घायल हुए कस्बे के मोहल्ला अहीरटोला निवासी आर्मी के जवान सोमवार सुबह मौत हो गई। आज मंगलावर को उनका अंतिम संस्‍कार पैतृक गांव बिलोलिया में किया गया। जहां गाजियाबाद से आए जवानों ने सलामी दी। जवान के अंतिम संस्कार में ग्रामीणों ने नम आंखों से विदाई दी।

24 वाहिनी बीएसएफ जवान 45 वर्षीय मुनेन्द्र पाल सिंह दो भाइयों में सबसे बड़े थे, उनकी पिता अजयपाल सिंह पुलिस में होमगार्ड थे, करीबन 5 साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। वहीं छोटे भाई करवेंद्र यादव गाँव में ही खेती करते हैं। जबकि मुनेन्द्र अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ कस्बे के मोहल्ला अहीरटोला में रहते थे। बीएसएफ मुख्यालय आरकेपुरम दिल्ली में तैनात मुनेन्द्र पाल सिंह छुट्टी लेकर बुलंदशहर में एक परिचित की शादी में शामिल होने गए थे, इसके बाद 6 फरवरी रविवार की रात अपने घर आ रहे थे इसी दौरान उनकी कार पीछे से ट्रक में जा घुसी। जिसमे वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के क्रम में रविवार देर रात करीबन 2 बजे उनका निधन हो गया। जैसे ही उनकी मौत की खबर गाँव में पहुंची तो शोक की लहर दौड़ गई।

जवान को अंतिम सलामी देने के लिए गाजियाबाद बीएसएफ से एसआई विक्रम नियोग, हवलदार लोकेन्द्र सिंह फौजदार, कांस्टेबल शिवनन्दन, अजीत कुमार, मनीकडन, सचिन कुमार, रवि कुमार, राजीव माडक, आश्विन टोपे, कालू कुमार, प्रवीन कुमार सोमवार देर शाम गाँव पहुँच गए थे। मंगलवार सुबह रिसौली चौकी इंचार्ज इंद्रदेव सिंह, हेड कांस्टेबल रोहिताश सिंह भी गाँव पहुँचे।

अंतिम यात्रा से पहले दर्शन के लिए घर के बाहर पहले से ही सैकड़ों लोग जमा हुए। तिरंगा में लिपटे ताबूत लिए जवानों ने जैसे ही दरवाजे पर कदम रखा मुनेन्द्र पाल सिंह की माँ माँ कृष्णा देवी फफक कर रो पड़ीं, भाई करवेंद्र यादव को भी बिलख पड़े। पत्‍‌नी अंगूरी देवी, तीन बेटियां पूनम, दीक्षा, प्रतीक्षा और पुत्र सुधीर रो पड़े। घर की महिलाओं व अन्य सदस्यों के करुण रुदन को सुनकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गई। गांव की महिलाएं पल्लू से अपने आंसू पोंछते हुए पत्‍‌नी व अन्य को ढांढस बंधा रही थीं। सुबह करीबन 9 बजे घर से बाहर सड़क तक शव यात्रा निकली तो ग्रामीण कदम से कदम मिलाते हुए पीछे-पीछे चल दिए।

गाँव के बाहर ही खेत में मुनेन्द्र पाल सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर किया गया। जवान को बेटे सुधीर ने मुखाग्नि दी। बीएसएफ के जवानों ने हथियार उल्टे कर मातमी धुन बजाते हुए हवा में गोलियां दागकर जवान को सलामी दी। इससे पहले ग्रामीणों व सेना के जवानों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

ट्रक में पीछे से घुसी कार
यह हादसा उझानी के अम्बेडकर बाईपास पर हुआ, दोनों ही वाहन एक ही दिशा में बरी बाईपास की ओर बढ़ रहे थे इसी दौरान घने कोहरे की वजह से बीएसएफ जवान की कार ट्रक के पीछे जा घुसी। कार की हालत देखकर आशंका व्यक्त की जा रही है कि कार की रफ्तार तेज थी। ट्रक का पिछला हिस्सा कार की अगली सीट तक पहुँच गया।

8 दिन चला इलाज नहीं बची जान
दिल दहला देने वाले इस हादसे का शिकार हुए बीएसएफ जवान का 8 दिन तक इलाज चला, हादसे के बाद सबसे पहले उन्हें बदायूं जिला अस्पताल ले जाया गया था, इसके बाद परिजन उन्हें बरेली के सिद्दी विनायक अस्पताल ले जा गए। परिजनों ने उनकी जान बचाने में हर संभव कोशिश की लेकिन शनिवार को अचानक उनकी हालत बिगड़ गयी, इसके बाद परिजन उन्हें गाजियाबाद के मैक्स अस्पताल ले गए। यहाँ उन्होंने रविवार की देर रात करीबन 2 बजे दम तोड़ दिया।

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