उझानी(बदायूं)। उझानी क्षेत्र में स्थित कुढ़ा नर्सिंगपुर गांव में मेंथा फैक्ट्री में लगी आग पर गुरूवार देर रात काबू पा लिया गया। आग बुधवार की रात 10 बजे लगी थी, फायर ब्रिगेड की 30 से ज्यादा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग शांत हुई। हालाँकि मलबे से अभी भी काला धुआं उठ रहा है। हादसे के बाद से एक कर्मचारी लापता है। उसकी तलाश की जा रही है।
कुढ़ा नर्सिंगपुर गांव में मनोज गोयल की मेंथा फैक्ट्री में बुधवार रात करीबन 10 बजे आग लगी थी। रात में तेज आंधी चल रही थी। अचानक फैक्ट्री का 14मंजिला प्लांट गिर गया। जिससे फैक्ट्री में आग लग गई। इस दौरान कई कर्मचारी भाग खड़े हुए। सूचना पर फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद पड़ोसी जनपद बरेली, मुरादाबाद, संभल से भी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई गईं। साथ ही बदायूं जनपद समेत संभल से भी पुलिस प्रशासन को तैनात किया गया। मेंथा फैक्ट्री में आग लगने के बाद आसमान में आग और काले धुएं के गुबार छा गए। इतनी भयंकर आग लगने पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। रात भर फैक्ट्री में मेंथा ऑइल समेत ज्वलनशील पदार्थों से भरे हुए ड्रम-सिलेंडर में विस्फोट हुआ। वहीं गुरुवार सुबह करीबन 4 बजे फैक्ट्री के स्टोरेज टैंक में सबसे बड़ा धमाका हुआ, इस धमाके में उझानी समेत आसपास के इलाके भी चौंधया गए। फायर ब्रिगेड ने रात से अपनी पूरी ताकत झोंक दी पर फैक्ट्री में मौजूद मेंथा ऑइल, हाइड्रोजन, हीलियम जैसे ज्वलनशील पदार्थों की वजह से आग बार बार दहक रही थी। गुरूवार देर रात आग पर काबू पाया गया।
मुनेन्द्र अब भी गायब, पुलिस ने खदेड़ा
फैक्ट्री का एक कर्मचारी मुजरिया थाना क्षेत्र के गाँव बिचौला टप्पा जामिनी निवासी मुनेन्द्र पुत्र प्रेमपाल लापता है। मुनेन्द्र अपने दो भाई गजेन्द्र और पुष्पेन्द्र के साथ फैक्ट्री में काम करता था। बीती रात जब प्लांट गिरा तो तीनों भाईओं ने भागने की कोशिश की। गजेन्द्र और पुष्पेन्द्र के मुताबिक मुनेन्द्र प्लांट के नीचे ही दब गया था। इस वजह से वो बाहर नहीं आ पाया। बुधवार रात उसके परिजन फैक्ट्री भी पहुंचे, जब लोगों ने बताया कि मुनेंद्र को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है तो परिवार ने उसे सीएचसी उझानी और राजकीय मेडिकल कॉलेज में तलाश किया, लेकिन मुनेंद्र कहीं नहीं मिला। निराश होकर गाँव लौट हो गए।
वहीं गुरुवार देर शाम ग्रामीण फैक्ट्री पर जमा हो गए और युवक के शव को निकालने की मांग करने लगे। उन्होंने यह भी कहा कि वो खुद अंदर जाकर शव ले आएंगे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें समझाते हुए कहा कि अंदर अभी काफी आग है, लोहा भी गर्म है। रास्ते में भारी मलवा पड़ा हुआ है, इससे जान को खतरा हो सकता है लेकिन ग्रामीणों ने एक न सुनी। उन्होंने आरोप लगाया कि जहाँ मुनेद्र का शव है वहां से न मलवा हटाया जा रहा है, न ही आग बुझाने की कोशिश हो रही है। ग्रामीणों ने जब हंगामा करते हुए फैक्ट्री में दाखिल होने की कोशिश तो पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए उन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान कुछेक युवक को हिरासत में लिया गया जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
वहीं शुक्रवार को भी मुनेन्द्र के परिजन फैक्ट्री पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मुनेन्द्र के आग में जलने की तहरीर कोतवाली में दी है, साथ ही डीएम को भी प्रार्थना पत्र दिया है मगर उनकी किसी भी स्तर पर सुनवाई नही हो पा रही है। परिजनों ने बताया कि पुलिस और फैक्ट्री मालिकान आग में जले मुनेन्द्र के अवशेषो को गायब करने की साजिश रच रहे है यही वजह है कि वह घटना स्थल से उनकी मौजूदगी में मलबा नही हटाना चाह रही है। परिजनों का आरोप है कि जब वह मलबा हटाने वाली जेसीबी के पास जाते है तभी पुलिस काम को रोक देती है। परिजनों ने बताया कि अगर उनकी न सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री और अदालत की शरण में जाएंगे। मुनेन्द्र की 6 साल पहले शादी हुई थी, उसको दो बेटियां हैं।
अपने घरों में नहीं सो रहे ग्रामीण
बुधवार रात फैक्ट्री में आग लगने के बाद पुलिस ने कुढ़ा नर्सिंगपुर गांव को एहतियातन खाली करवा लिया गया था। अगली सुबह ग्रामीण अपने घर जरुर लौट आए लेकिन गुरुवार रात को भी ग्रामीण अनहोनी की आशंका में गाँव खाली कर गये। ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्राली से दूर इलाकों में निकल गए हैं। गांव निवासी सीमा और यश कुमारी ने बताया कि बुधवार रात आग लगने के बाद हमारा परिवार जंगलों के रास्ते हुए संजरपुर के भट्टे पर पहुँच गए, वहां पहुंचकर अपने भाई को कॉल किया तो अपने साथ ले गए। फैक्ट्री में अभी भी आग जल रही है, ऐसे में हादसे का डर है।
वहीं फैक्ट्री में बीती रात भयंकर विस्फोट हुए। विस्फोट के बाद ड्रम और सिलेंडर के कई टुकड़े ग्रामीणों के घरों और खेतों में पहुँच गए। इसके अलावा फैक्ट्री में लगी आग ने गाँव के कई किसानों की फसलों को भी बर्बाद कर दिया है। किसानों की फसलें जल गईं और आग की तपिश से उपलों तक भी पहुँच गयी। रितेश मौर्या ने बताया कि उनकी मक्का, गुहिया की फसल जल गयी है।
साथ ही सुबह 4 बजे जिस स्टोरेज टैंक में सबसे बड़ा धमाका हुआ था, उसका भी ऊपरी हिस्सा गाँव के वीरपाल की मकान की छत को तोड़ते हुए आंगन में गिरा। इस टुकड़े का वजन करीबन 3-4 क्विंटल है। गनीमत है कि इस दौरान गाँव खाली था वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
नहीं देखा ऐसा मंजर
मेंथा फैक्ट्री अग्निकांड की रात उझानी क्षेत्र के लिए एक भयावह याद बन गई। फैक्ट्री में अचानक लगी इस भीषण आग ने पूरे नगर को हिला कर रख दिया। लोग यह कहते हुए नजर आए कि उन्होंने ऐसा मंजर कभी नहीं देखा। लोग आग की वजह से लोग पूरी रात जागते रहे। कुछ लोगों ने घर के बाहर दरवाजों पर डेरा डाल लिया तो कई छतों पर चढ़ गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फैक्ट्री में कई छोटे-बड़े धमाके हुए, जिससे दहशत और बढ़ गई।
बीती रात की तरह ही गुरुवार का दिन भी अफवाहों के बाजार से गर्म रहा। फैक्ट्री में अंडरग्राउंड हाईड्रोजन गैस भरी हुई है, अमोनिया की गाड़ी खड़ी है, एक सिलेंडर और बचा है… जैसी चर्चाएँ होती रहीं। जिसकी वजह से लोग उझानी से दूर इलाकों में चले गए। कुछ लोग तो अपना सामान समेटकर रेलवे स्टेशन पर सोने चले गए जबकि बीती रात ही पुलिस प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी।