लखनऊ। भारत-पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच 7 मई को कई राज्यों में होने वाली मॉक ड्रिल को लेकर उत्तर प्रदेश में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इसको लेकर डीजीपी प्रशांत कुमार ने निर्देश जारी कर दिए। उन्होंने सभी जिलों से आम जनता से मॉक ड्रिल को लेकर समन्वय स्थापित करने को कहा है।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि 7 मई को सिविल डिफेंस के मॉक ड्रिल के संबंध में भारत सरकार से निर्देश प्राप्त हुए हैं। (यूपी में) 19 जिलों की पहचान की गई है, जिसमें एक जिला ए श्रेणी में है, 2 जिले सी श्रेणी में हैं और बाकी बी श्रेणी में हैं। यहां की संवेदनशीलता को मद्देनजर रखते हुए शासन द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि सभी जिलों में सिविल प्रशासन, पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवा, आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर यह मॉक ड्रिल की जाए ताकि आकस्मिकता की स्थिति में हम इन चीजों से निपट सकें।
इससे पहले बीते दिन गृह मंत्रालय ने जारी निर्देश में कहा कि 7 मई को प्रभावी तरीके से नागरिक सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाए। ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे किसी भी आपात स्थिति में नागरिक अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
- हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाना
- हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर नागरिकों, छात्रों को ट्रेनिंग देना।
- दुश्मन के हमला करने पर ब्लैक आउट करना
- महत्वपूर्ण संयंत्रों/प्रतिष्ठानों को समय से पहले छिपाने के उपाय
- हमला होने की स्थिति में जल्द से जल्द जगह खाली करने का अभ्यास किया जाएगा।
54 साल पहले हुई थी मॉक ड्रिल: इससे पहले इस तरह की मॉक ड्रिल भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में हुए युद्ध के दौरान हुई थी। अब पहलगाम आतंकी हमले के बाद बिगड़े हालातों के बीच एक बार फिर ऐसा अभ्यास कराया जा रहा है।