बदायूं। राजकीय मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग अधिकारी को अपनी समस्या समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव के सामने रखना महंगा पड़ गया। कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) ने उन्हें नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है। जिसके बाद सांसद ने योगी सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर घेरा है।
सोमवार को सपा सांसद आदित्य यादव के साथ आंवला के भाजपा सांसद नीरज मौर्य, सहसवान से सपा विधायक बृजेश यादव और शेखूपुर विधायक हिमांशु यादव मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान सांसद ने सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। सांसद ने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मेडिकल कॉलेज को ठीक से संचालित नहीं कर पा रही और इससे मरीजों को दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। इसी बीच नर्सिंग अधिकारी पूनम तोमर ने सांसद के सवालों के जवाब में अपनी व्यक्तिगत समस्याएं रखीं। पूनम तोमर ने सांसद से कहा था कि उन्होंने दो महीने की चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) मांगी थी लेकिन मंजूर नहीं की गई। जबकि आकस्मिक अवकाश (सीएल) देने में अधिकारियों को कोई दिक्कत नहीं होती। इस पर सपा विधायक बृजेश यादव ने भी सांसद के सामने कहा कि सीसीएल और मातृत्व अवकाश (मेटरनिटी लीव) रोकना प्रावधानों के खिलाफ है।
इसकी भनक लगने पर सीएमएस ने पूनम तोमर को नोटिस जारी कर दिया है। सीएमएस की ओर से जारी नोटिस में लिखा गया है कि सांसद के सामने व्यक्तिगत शिकायतें रखना संस्थान में मौजूद वैधानिक शिकायत निवारण तंत्र की अवहेलना है। वीआईपी मूवमेंट के दौरान व्यक्तिगत समस्या उठाना अनुशासनहीनता और संस्था की गरिमा के विपरीत है। नोटिस में तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सांसद ने सरकार पर साधा निशाना
सपा सांसद आदित्य यादव ने एक्स पर लिखा, ‘बदायूं मेडिकल कॉलेज का हाल देखिए— जहां अस्पताल का स्टाफ अपनी समस्याएं लेकर आया, तो समाधान के बजाय सीएमएस ने नोटिस का इंजेक्शन लगा दिया। मरीजों का दर्द हो या कर्मचारियों की शिकायत, योगी जी के स्वास्थ्य मंदिरों में सबका इलाज खानापूरी से होता है। यही है भाजपा का डबल इंजन हेल्थ मॉडल, जहां अस्पताल की दवा से नहीं, अफसरों की लापरवाही से लोग मरहम ढूंढते हैं। समाजवादी पार्टी कर्मचारियों और जनता की आवाज बुलंद करती रहेगी।’