उझानी(बदायूं)। उझानी कोतवाली क्षेत्र में एक तेरहवीं की दावत से हड़कंप मच गया है। दावत की पूरी-सब्जी तो आराम से पच गई, मगर रायते की वजह से लोग गांव से लेकर जिला अस्पताल तक इंजेक्शन की लाइन में लग गए हैं।
क्षेत्र के पिपरौल गांव में निवासी बुजुर्ग किसान ओरन साहू का हाल ही में निधन हो गया था। उनके निधन के उपरांत परंपरा के अनुसार बुधवार(23 दिसंबर) को तेरहवीं की दावत आयोजित की गई, जिसमें गांव के साथ-साथ आसपास के चंदनपुर, तेलिया नगला, बड़े नगला और हुसैनपुर गांवों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। करीबन एक हजार लोगों ने पूरी-सब्जी के साथ रायते का स्वाद लिया। लेकिन किसी को क्या पता था कि यही रायता आगे चलकर डर का ‘डोज’ बन जाएगा। दरअसल इस दावत में रायता गांव के प्रमोद साहू की भैंस के दूध के मट्ठे से बनाया गया था। करीब 15 दिन पहले एक पागल कुत्ते ने भैंस को काट लिया था। भैंस बीमार थी और गुरुवार(25 दिसंबर) को उसकी मौत हो गई। जैसे ही लोगों को पता चला कि उन्होंने उसी भैंस के दूध के मट्ठे से बना रायता खाया है, पूरे इलाके में रैबीज की दहशत फैल गई।
शनिवार को उझानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर करीबन 150 लोगों ने एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाया। गांव निवासी आदेश गुप्ता ने बताया कि पिपरौल और चंदनपुर से करीब 15 लोग पहले ही जिला अस्पताल जाकर एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवा चुके हैं। इनमें पिपरौल के बृजेश साहू, मोहनलाल, गौरव, सौरभ, विवेक, ऋषभ, नीसू, राजबती, गुड्डी, जबर सिंह, नेहा, सोनी समेत अन्य लोग शामिल हैं वहीं, अभी भी सैकड़ों लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से गांव में ही कैंप लगाकर एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि सभी दावत में शामिल लोग समय पर उपचार करा सकें।
