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गायत्री महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने दी आहुति

उझानी (बदायूं)। गायत्री परिवार की ओर से नगर के संजरपुर रोड पर 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ और प्रज्ञा पुराण कथा का आयोजन चल रहा है। सोमवार को काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने वर्तमान समस्याओं के निराकरण, सूक्ष्म जगत के परिशोधन और विश्व शांति की कामना के निमित्त यज्ञ भगवान को गायत्री महामंत्र की विशेष आहुतियां समर्पित कीं।

शांतिकुंज हरिद्वार से आए कथा शिरोमणि शशिकांत सिंह ने कहा कि आध्यात्मिक चिंतन से भावनाएं पवित्र होती है। यज्ञीय वातावरण से भारत को दिव्य ज्ञान का स्त्रोत बनाएं। मर्यादित जीवन से मनुष्य हजारों मनकों में चमकने वाला हीरा बन जाता है। बच्चों को संस्कारित कर उनकी प्रतिभाओं को बहुमूल्य बनाएं। उन्होंने कहा संयम, सेवा, स्वाध्याय से संमार्ग और श्रेष्ठ कार्यों से सद्गति मिलती है। युवा व्यसनों से बचकर युग निर्माणी बनें।

सहायक टोली नायक बसंती लाल सोलंकी ने वेदमंत्रोच्चारण किया। शांतिकुंज हरिद्वार के स्वेन कुमार, चिंताराम नाग और दिनेश पाल ने परम सौभाग्य हमारा है, मनुज देवता बनें, बनें यह धरती स्वर्ग समान आदि प्रज्ञागीतों का श्रवण कराया।  आर्येंद्र यादव ने शक्ति कलश, डाॅ. वीरेंद्र पाल शर्मा और ध्रुव यादव ने गुरुपूजन, सुभाष यादव, मनोज शर्मा और सत्यपाल ने मातृ पूजन, धीरेंद्र सोलंकी, मदनलाल शर्मा और भुवनेश शर्मा ने सर्वतो भद्र, कौशल सोलंकी, आशोक, किशन, राकेश और सुरेंद्र पाल आदि ने यज्ञशाला की चारों वेदियों का पूजन कराया। गायत्री शक्तिपीठ के बी ज्ञानेंद्र और रामभरोसे लाल माहेश्वरी ने व्यासपीठ और प्रज्ञा पुराण कथा पूजन कराया।

इस मौके पर नरेंद्रपाल शर्मा, रघुनाथ सिंह, सुखपाल शर्मा, सप्रदीप, ब्रिजेंद्र, रिंकू, राकेश कुमार, कालीचरन, जेपी सिंह, अनेक सिंह, कपिल, उपदेश, नरेंद्र सिंह, अमर सिंह, रामचंद्र प्रजापति, संजीव, राजेंद्र, धर्मेंद्र, भुवनेश्वर सिंह, रामेश्वर, ओमकार, कल्पना, ममता, धीरपाल, गंगा प्रसाद, ग्रीष यादव, हरिकिशन, विवेक, राज, आदित्य, अनमोल, धर्मवीर आदि मौजूद रहे।

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