बदायूं। उत्तर प्रदेश में सत्ता की बागडौर योगी आदित्यनाथ के संभालने के बाद लोगों को थोड़ी आस जगी थी कि बेपटरी हो चुकी कानून व्यवस्था ज्यादा नहीं सही लेकिन कुछ हद तक पटरी पर लौटेगी। लेकिन योगी सरकार को साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी प्रदेश में हालात जस के तस बने हुए हैं। वहीं जिले में लगातार हत्याओं, लूट का दौर जारी हैैं। आलम ये है कि कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए अब नशे के सौदागरों ने शिक्षा के मंदिर को ही मयखाना बना दिया है।
अलापुर थाना क्षेत्र के गांव गभियाई स्थित अब्दुल्ला डिग्री कॉलेज में 15 जुलाई को एसपी सिटी की विशेष टीम ने छापामारी करते हुए 25 बोरा डोडा बरामद करने के साथ ही डोडा पीसने का कटर, दो बाइक, ट्रैक्टर और तीन आरोपितों को कब्जे में लिया था। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम आशू पुत्र रियासत निवासी गभियाई, श्याम लाल पुत्र रामदीन गभियाई, धर्मेंद्र कुमार पुत्र रामबहादुर निवासी वीरमपुर थाना दातागंज बताए। आरोपियों ने बताया कि डिग्री कॉलेज के मालिक के लिए वह काम करते हैं। उनको पीसकर सप्लाई करने पर कमीशन दिया जाता है। लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी डिग्री कॉलेज के मालिक नजमुल जमा खां पुत्र लुकमान निवासी ककराला पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। हालाँकि पुलिस गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश का दावा कर रही है।
मौजूद जिला पंचायत सदस्य के पति नजमुल जमा खां के नजमुल के राजनैतिक रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ पुलिस थानों में 12 मुकदमे दर्ज हैं लेकिन आज तक उसे गिरफ्तार नही किया गया। राज्य में सरकार किसी को भी हो लेकिन उसका दबदबा बरकरार रहता है। प्रदेश में 20 वर्षों बाद जब भाजपा सत्ता में लौटी तब नशे के व्यापारियों के खिलाफ कार्यवाही की आस थी लेकिन नजमुल खां ने भाजपा में भी गहरी पैंठ बना ली। नतीजतन वो हमेशा की तरह पुलिस की गिरफ्त से बाहर नजर आ रहा है।
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