उझानी (बदायूं)। आज के आधुनिक युग में जहां एक तरफ इन्सान पर संवेदनहीन होने का प्रश्न चिन्ह लगता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ आज भी बहुत लोग ऐसे हैं जो इस तकाज़े को गलत साबित करते हैं। कुछ ऐसी ही पहल की उझानी के समाजसेवी लोगों ने जिन्होंने सर्द रातों में फुटपाथ पर ठिठुरते मेहनतकशों के बदन पर जब कम्बल डाला तो उन्हें सहसा विश्वास नहीं हुआ कि आज के जमाने में ऐसे लोग भी हो सकते हैं जिन्हें दूसरों की परिस्थितियों का एहसास होता है।
शुक्रवार रात समाजसेवियों ने मुख्य चौराहे, रेन बसेरा, अनाज मंडी, सरकारी अस्पताल, अनाज मंडी, बरी बाईपास पर कम्बल वितरण कर सर्दी में ठिठुरते गरीबों, असहायों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। लोगों ने कम्बल वितरण कर खुले आसमां के नीचे रात गुजारते गरीबों को यह एहसास दिलाया कि समाज में मानवता ख़त्म नहीं हुई है और आज भी समाज में एक दूसरे के दर्द को महसूस करने वाले लोग मौजूद हैं। कंबल पाकर लोग काफी खुश व संतुष्ट नजर आये। बढ़ती ठंड और शीतलहर से बचाने के लिए कम्बल पाकर गरीबों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। विजय सक्सेना ने बताया कि शनिवार को भी जरूरतमंदों को कम्बल वितरण किया जायेगा।
इस दौरान योगेश प्रताप सिंह, विजय सक्सेना उर्फ कुक्कू, सुशील चन्द्र सक्सेना, शंकर गुप्ता, अमित प्रताप सिंह, अटल गुप्ता, राजीव कुमार शर्मा, संजीव सक्सेना उर्फ़ अंशु, रॉनी सक्सेना, सत्येन्द्र गुप्ता, अमरपाल यादव, अतिन रावत, ओमवीर यादव आदि लोग मौजूद रहे।
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