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सरकारी बंगला बचाने की कवायद में जुटे बुआ-भतीजा

लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य संपत्ति अधिकारी से सरकारी आवास खाली करने के लिए दिए गए समय को बढ़ाने की मांग की है। अखिलेश यादव के निजी सचिव ने सोमवार को राज्य संपत्ति विभाग को इस संबंध में पत्र भेजा है। वहीं बसपा सुप्रीमों मायावती भी बंगला बचाने के लिए नया तरीका आजमा रही हैं

एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य संपत्ति अधिकारी को पत्र लिखकर दो साल का वक्त मांगा है। उन्होंने इस पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि उनके पास कोई दूसरा मकान नहीं है और उन्हें प्राप्त जेड प्लस की सुरक्षा को देखते हुए दो साल का वक्त दिया जाए। एसपी प्रमुख के निजी सचिव गजेंद्र सिंह ने राज्य संपत्ति अधिकारी के स्टाफ को यह पत्र सौंपा। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली कराए जाने के आदेश के बाद कुछ शिफ्ट होने की तैयारी में हैं तो कुछ पूर्व मुख्यमंत्री अभी भी बंगला बचाने का जुगाड़ कर रहे हैं। अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती के नए ठिकाने की बात हो रही थी, वहीं अब उन्होंने अपने सरकारी आवास के बाहर कांशीराम यादगार विश्राम स्थल का बोर्ड लगवा दिया है।

इस बोर्ड के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि मायावती की मंशा अभी भी बंगला छोड़ने की नहीं है। जब मायावती यूपी की मुख्यमंत्री थीं तो उनके बंगले के पास ही कांशीराम विश्राम स्थल हुआ करता था। बाद में कांशीराम विश्राम स्थल को कथित रूप से उन्होंने अपने बंगले से जोड़ लिया। इसके पीछे वजह यह थी कि उस वक्त कांशीराम विश्राम स्थल का मासिक किराया करीब 72 हजार रुपये था, वहीं मायावती के बंगले का मासिक किराया 4212 रुपये।

कथित रूप से किराये बचाने के लिए दोनों (बंगला और कांशीराम विश्राम स्थल) को एकीकृत कर दिया गया। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बंगले खाली करने की कवायद चल रही है, तो मायावती ने 13 ए, माल एवेन्यू के बाहर यह बोर्ड लगवा दिया है। माना जा रहा है कि यदि इस बंगले को कांशीराम विश्राम स्थल के नाम कर दिया जाता है तो मायावती को इसे खाली नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, उस स्थिति में उन्हें कांशीराम विश्राम स्थल का पूरा किराया चुकाना पड़ेगा।

हालांकि चर्चा है कि मायावती ने विकल्प के तौर पर अपना नया ठिकाना 9, माल एवेन्यू तैयार करा रही हैं। इसका रेनोवेशन भी शुरू हो चुका है। यह उनके वर्तमान आवास 13, माल एवेन्यू के सामने और पार्टी कार्यालय 12, माल एवेन्यू के पीछे स्थित है। पार्टी नेताओं का कहना है कि 9, माल एवेन्यू मायावती का निजी आवास है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को राज्य संपत्ति विभाग ने 15 दिन में बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया था। इसके बाद से ही सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपने लिए आवास तलाशने का काम शुरू कर दिया था।

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