बदायूं। बदायूं के समरेर और बरेली के फरीदपुर को आपस में जोड़ने के लिए रामगंगा नदी पर बनाये गए पुल से कार गिरने से तीन युवकों की मौत हो गई थी। इस मामले में बदायूं के दातागंज कोतवाली में केस दर्ज कर लिया गया है। तहसीलदार की शिकायत पर पीडब्ल्यूडी के चार अभियंताओं को नामजद किया गया है।
दातागंज तहसील में तैनात नायव तहसीलदार ने अपनी शिकायत में कहा है कि रामगंगा नदी पर पुल की अप्रोच रोड बरेली की ओर से कटी हुई है। रोड काफी समय से कटी पड़ी है। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड बदायूं के सहायक अभियंता मोहम्मद आरिफ, अभिषेक कुमार समेत अवर अभियंता अजय गंगवार, महाराज सिंह को यह जानकारी थी कि अगर कोई वाहन पुल से गुजरेगा तो उसके साथ हादसा तय है। इसके बावजूद इन अधिकारियों ने पुल के दोनों ओर मजबूत बैरिकेडिंग, पुल कटा होने का बोर्ड, रिफ्लेक्टर या सांकेतिक बोर्ड नहीं लगवाए। केवल पुल के प्रारंभ में पतली दीवार लगी थी जो अज्ञात लोगों द्वारा पूर्व में तोड़ी जा चुकी है।
गूगल मैप का भी जिक्र
एफआईआर में यह भी जिक्र है कि गूगल मैप पर सर्च करने पर कोई अवरोध न दिखाते हुए सही मार्ग दिखाया गया। इन्हीं लोगों की घोर लापरवाही के कारण हादसा हुआ और तीन लोगों की जान चली गई। इसलिए पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के इन अधिकारियों क्षेत्रीय प्रबंधक गूगल मैप और अज्ञात गांव वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
इसीलिए उठ रहे कई सवाल
दातागंज ब्लाॅक क्षेत्र समरेर के गांव मुड़ा पुख्ता और फरीदपुर के बीच रामगंगा नदी पर पांच साल पहले सेतु निगम ने 700 मीटर लंबा पुल बनाया था। पुल बनने के बाद समरेर और फरीदपुर की दूरी कम हो गई थी। 12 सितंबर 2023 में जब यहां बाढ़ आई तो 180 मीटर का संपर्क मार्ग बह गया। इसके बाद रामगंगा की धारा भी मुड़ गई। वह पुल से आगे फरीदपुर की तरफ पहुंच गई। इसके बाद सेतु निगम व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने रामगंगा नदी पर बने इस पुल की लंबाई बढ़ाने पर चर्चा की। पुल की लंबाई बढ़ाने से लेकर दो सौ मीटर लंबा संपर्क मार्ग बनाने में अनुमानित लागत छह करोड़ रुपये बताई गई। तय हुआ कि पुल की लंबाई बढ़ने के बाद पीडब्ल्यूडी दो सौ मीटर लंबा संपर्क मार्ग तैयार करेगा। पिछले एक-सवा साल से यही मंथन चल रहा है लेकिन काम पूरा नहीं हुआ।
क्या है मामला?
शनिवार को मैनपुरी के बिछवां निवासी अमित सिंह (38), फर्रुखाबाद के एमादपुर हीरामन निवासी अजीत कुमार (35) और उनके चचेरे भाई नितिन (30) गाजियाबाद की तरफ से आ रहे थे। उन्होंने गूगल मैप के सहारे रास्ता ढूंढा था। इस पुल का रास्ता भी गूगल मैप ने दिखाया तो चालक ने गाड़ी पुल पर चढ़ा दी। रात में अंधेरा था और चालक को नहीं पता था कि 30 मीटर के बाद रास्ता नहीं है। इसकी वजह से उनकी कार रामगंगा में जा गिरी। मौके पर ही तीनों की मृत्यु हो गई। यह हादसा बरेली जिले की फरीदपुर कोतवाली में हुआ था लेकिन पुल बदायूं से शुरू होता है और दीवार भी बदायूं की ओर टूटी हुई थी।