बदायूं। जनपद में मंगलवार को पारंपरिक तरीके से ईद उल फितर पर मुस्लिम भाइयों ने नमाज अता कर देश दुनिया में अमन चैन की दुआ मांगी। नमाज के बाद एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। सड़कों पर नमाज अदा नहीं करने के फरमान के बाद ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए भीड़ नजर आई। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम रहे।
जिले में मुस्लिम बंधुओं ने दुनिया की सलामती के लिए अल्लाह से दुआएं मांगी। कोरोना संक्रमण के चलते दो साल तक इस त्योहार को घर के अंदर मनाया गया था। हालांकि इस बार हालात समान्य होने से ईदगाह व मस्जिदों में नमाज अदा की गयी। नमाज के बाद ईदगाह क्षेत्र के बने कब्रिस्तान में सैकड़ों मुसलमानों ने अपने बुजुर्गों और उन लोगों की मजार पर गुलाब के फूल चढ़ाकर और अगरबत्तियां जलाकर दुआएं मांगी फिर एक-दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दी।
इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था की चाक-चौबंद इंतजाम किए गए। जनपद में सभी ईदगाह, मस्जिद पर एसडीएम, सीओ थाना पुलिस व अतिरिक्त पुलिस बल के साथ दिखाई दिए। जिलाधिकारी दीपा रंजन, एसएसपी डॉ. ओपी सिंह ने छोटे सरकार ईदगाह पहुंचकर ईद की मुबारकबाद दी। इस मौके पर एसपी सिटी प्रवीन सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार, सीओ आलोक मिश्र समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। पालिकाध्यक्ष दीपमाला गोयल ने लोगों से मुलाकात कर मुबारकबाद दी।
2 वर्षों से कोरोना के चलते नहीं हुई नमाज
ईद खुशियों का त्योहार है लेकिन पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण ना तो ईद का त्योहार ही ठीक तरह से लोगों द्वारा मनाया गया था और ना ही सामूहिक रूप से ईद की नमाज ही अता की गई थी। इस बार मुस्लिम संप्रदाय में काफी उत्साह रहा और लोगों ने बढ़ चढ़कर ईद की नमाज में भाग लिया। इसके बाद घरों में बने कई तरह के लजीज व्यंजन से मेहमानों का स्वागत किया गया। वैसे तो समय के साथ त्योहार में कई तरह के बदलाव हुए है लेकिन ईद पर बनने वाली सेवई, बिरीयानी, शीर खुरमा, किमामी सेवई, फिरनी जैसे कुछ पारंपरिक व्यंजनों का रुतबा अब भी कायम है।
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