ललितपुर। उत्तर प्रदेश के ललितपुर में 13 साल की एक बच्ची से दुष्कर्म के मामले में थाना पाली के एसएचओ तिलकधारी सरोज समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। नाबालिग से गैंगरेप के मामले में एक और चौंकाने वाला तथ्य पुलिस के सामने आया है। जांच के दौरान अधिकारियों को पता चला कि पीडि़ता की मां ने इससे पहले भी छेड़छाड़, रेप की कोशिश आदि की 13 एफआईआर दर्ज कराई थीं। एडीजी ने इन सभी मामलों के दस्तावेज निकालने और जांच में शामिल करने का आदेश दिया है।
एडीजी जोन भानु भास्कर ने बताया कि पीडि़ता की मां ने इससे पूर्व 13 एफआईआर अलग अलग आरोपितों के खिलाफ दर्ज कराई हैं। इनमें से चार मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लग गई। चार में चार्जशीट दाखिल हुई। कोर्ट के आदेश पर पांच मामले दर्ज किए गए थे इनमें से चार कोर्ट में ही खारिज हो गए। उन्होंने कहा कि इन सभी मुकदमों का विवरण निकलवाया जा रहा है। उन मामलों का घटनाक्रम, आरोपित, चार्जशीट के बिंदु, फाइनल रिपोर्ट लगने की वजह आदि का अध्ययन भी जांच टीम करेगी।
एडीजी भानु भास्कर के मुताबिक विवेचना के दौरान पुलिस टीमों को जयपुर और भोपाल भी भेजा जाएगा। वहां पर आरोपित नाबालिग को लेकर कहां रुके थे, इसका पता किया जाएगा। पुलिस वहां सीसी टीवी फुटेज निकालने का प्रयास करेगी। जिन लोगों ने आरोपितों और नाबालिग को वहां देखा था, उनसे पूछताछ की जाएगी। उन्हें इस मामले में गवाह बनाया जाएगा।
क्या है मामला?
पीड़िता की मां के मुताबिक 22 अप्रैल को बच्ची को ललितपुर के एक गांव के चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया ने अगवा कर लिया गया था। आरोपी उसे मध्य प्रदेश के भोपाल ले गए और तीन दिन तक अपनी हवश का शिकार बनाते रहे। इसके बाद 26 अप्रैल को चारो उसकी बेटी को मौसी गुलाबबाई के घर ले गए, वहां से थाने लाए। थाना पाली पहुंचकर उन्होंने कहा कि किशोरी गायब नहीं हुई थी बल्कि वह भटक गई थी। पुलिस ने लड़की को उसकी मौसी को सुपुर्द कर दिया।
आरोप है कि 27 अप्रैल की सुबह किशोरी को थाने बुला कर बयान दर्ज किया गया। शाम को मौसी उसे इंस्पेक्टर के कमरे में ले गई। जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। तब तक बरामदगी या बयान की सूचना माता-पिता को नहीं दी गई। 30 को बेटी को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया जहां काउंसिलिंग में उसने घटना बताई।
इसके बाद एसपी ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है। आरोपी चन्दन, राजभान, हरिशंकर, महेन्द्र चौरसिया, प्रभारी निरीक्षक पाली तिलकधारी सरोज व मौसी गुलाबबाई के खिलाफ अपहरण, गैगरेप, साजिश आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसओ तिलकधारी सरोज की तलाश में डीआईजी जोगेंद्र कुमार ने तीन पुलिस टीमें गठित की। उसकी तलाश में प्रयागराज के गंगापार इलाके में मंगलवार देर रात दबिश दी गई। वहीं बुधवार शाम को एसएचओ तिलकधारी सरोज को पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है।
महिला सिपाहियों की जगह खुद की पूछताछ
प्राथमिक जांच में इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज की कई हरकतें गैरकानूनी पाई गई हैं। उसने 26 अप्रैल को किशोरी के थाने पहुंचने पर न रिपोर्ट दर्ज की न आरोपितों पर कार्रवाई की। किशोरी का मेडिकल भी नहीं कराया। उसे माता पिता के बजाए मौसी की सुपुर्दगी में सौंप दिया। थाने में महिला सिपाहियों के होने के बावजूद खुद पूछताछ की। उसे नियम विरुद्ध रात भर थाने में रखा। इन सभी बिंदुओं और एफआईआर के आरोपों के मद्देनजर सघन जांच चल रही है।
एडीजी ने पूरे पाली थाने को किया लाइन हाजिर
इससे पहले कानपुर जोन के एडीजी भानु भास्कर ने पूरे पाली थाने को लाइन हाजिर कर दिया। बुधवार सुबह एडीजी ने यह आदेश जारी किया। उन्होंने डीआईजी जोगेंद्र कुमार को पूरे मामले की जांच सौंपते हुए 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। थाने के जो स्टाफ लाइन हाजिर किए गए हैं उनमें 6 एसआई, 6 हेड कांस्टेबल, 10 आरक्षी, 5 महिला आरक्षी, 1 चालक और 1 फालोवर शामिल हैं।
अब तक चार गिरफ्तार
13 वर्षीय किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म की आरोपी मौसी को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंची जहां उसकी डॉक्टरी जांच करा रही है। आरोपी महिला से भी एसपी झांसी ने पूछताछ की है। इससे पहले किशोरी का डॉक्टरी परीक्षण कराया गया। पुलिस ने इस घटना में अब तक मौसी, एसएचओ, राजभान पुत्र दयाली अहिरवार और महेंद्र चौरसिया पुत्र जगन्नाथ चौरसिया को गिरफ्तार लिया।